तुम उठो सिया श्रृंगार करो (Tum Utho Siya Shringar Karo Lyrics - Sitaram Bhajan)
तुम उठो सिया श्रृंगार करो
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
तोड़ा है, तोड़ा है, सीता से नाता जोड़ा है,
तोड़ा है, तोड़ा है, सीता से नाता जोड़ा है,
तुम उठो, तुम उठो
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
शीश सिया के चुनर सोहे, टीके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो, तुम उठो
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
हाथ सिया के चूड़ी सोहे, कंगन की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो, तुम उठो
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
कमर सिया के तगड़ी सोहे, झुमके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो, तुम उठो
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
पैर सिया के पायल सोहे, बिछिया की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो, तुम उठो
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
Tum Utho Siya Shringar Karo | तुम उठो सिया श्रृंगार करो | Sitaram Bhajan